अपनी क्षमताओं को कैसे बढ़ाएं || How to increase your abilities

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आपने अनेक क्षमता संपन्न लोगों पर गौर किया होगा कि किस तरह वे कामयाबी की सीढ़ियों पर धड़ाधड़ चढ़ते हुए नई बुलंदियां छू लेते हैं। यह भी देखा होगा कि एक मुकाम पर आकर उनका विकास एकाएक रुक जाता है। उसके बाद उनसे किसी भी नई उपलब्धि की उम्मीद नहीं की जा सकती।क्यों ? क्या उनके मन में और आगे बढ़ने की ललक नहीं रहती होगी ? जरूर होगी। फिर भी इसी डर के मारे कि जितना कुछ मिला है, कहीं हाथ से न छूट जाए, वे उसे मजबूती से पकड़े रहते हैं। उसके बाद विकास कहाँ से होगा ? आप गमले में रोपा गया कोई पौधा खरीदते हैं। साये में रखकर जतन से उसकी परवरिश करते हैं। गमले के अंदर पौधा तेजी से एक हद तक बढ़ता है। फिर आगे परवान चढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान न मिलने की वजह से अपनी बढ़त को सीमित कर लेता है। 

यदि वही पौधा जमीन में लगाया गया होता तो वह बड़े वृक्ष का रूप ले लेता। अपनी नई नई डालों को चारों दिशाओं में भेजकर खूब फला-फूला होता । यही बात आपके जीवन के विषय में भी सही है। जीवन में उन्नति पाने की इच्छा अपने अंदर लहलहा रही है। लेकिन मौजूदा गमले को तोड़कर फेंकने की हिचक के कारण विकास रुका हुआ है।

अपने चारों ओर स्वयं आपने जो जाल बुन रखे हैं उनसे छुटकारा पाने पर ही विकास पाना संभव होगा।कोई राजा था। उससे मिलने के लिए अक्सर एक नौजवान आता, दरबार में उसे राजकीय सम्मान मिलता। विदा लेकर जाते समय राजा उसे धन-संपत्ति और बहुमूल्य उपहारों से निहाल कर देता। वह युवक उन सारी दौलत को खो -गँवाकर

फिर से राजा के पास आता। राजा जरा भी गुस्सा दिखाए बिना फिर से उसे मालामाल करके भेज देता ।एक बार प्रधानमंत्री ने राजा से पूछा, "श्रीमंत जी, आप जो भी धन-दौलत देते हैं, यह लड़का अपने दोस्तों के साथ बैठकर गुलछरे उड़ाता है, गैर जिम्मेदाराना ढंग से सारा धन व्यर्थ गंवाकर फिर से आ धमकता है। आप क्यों इसे बार-बार इतनी संपत्ति दिया करते हैं ?"राजा ने कहा, 'मंत्री, जब मेरा जन्म हुआ उसी समय मेरी माँ का देहांत हो गया। इसकी माँ ने, जो महलों में काम करती थी, इसके साथ मुझे भी अपना स्तन्य पिलाकर पाला-पोसा है।इसलिए मैं इसे अपने भाई के समान मानता हूँ।'अगली बार जब वह मूर्ख युवक आया उसने राजा के सामने एक विचित्र माँग रखी, 'तुम्हारे

इर्द-गिर्द बुद्धिमान अधिकारी रहा करते हैं, इसीलिए तुम वैभव-संपन्न रहते हो। यदि तुम्हारे ये मंत्री मेरे साथ रहते तो मैं भी राज कर सकता हूँ। इसलिए इन्हें मेरे साथ भेज दो।'राजा धर्म संकट में पड़ गया। उससे जवाब देते नहीं बना।

मंत्री ने कहा, 'श्रीमंत जी, आपके साथ दूध पीकर पले हुए इस भाई की सहायता करने के लिए मैं अपने साथ दूध पीकर पले हुए भाई को भेज सकता हूँ।' अगले दिन दरबार में आते हुए, मंत्री एक भैंसे को खींच लाए।"क्यों हँस रहे हैं श्रीमंत जी ? इसने और मैंने एक ही भैंस माँ का दूध पिया था। राजा के भाई की मदद के लिए मैं अपने इस भाई को भेजना चाहता हूँ।" मंत्री ने कहा।भले ही एक माँ का दूध पीकर बड़े हुए हों, लेकिन हम अपने शरीर और मन की ऊर्जा और 'चाहो सब कुछ चाहो भावनाओं का किस तरह सही ढंग से उपयोग करते हैं, हमारा विकास उसी पर निर्भर करता है।आमतौर पर मित्रों से मिलते समय आप किन-किन बातों पर चर्चा करते हैं ?चर्चा के मुद्दे कुछ यही रहेंगे, जैसे-बजट में कराधान कैसे होना चाहिए, किन-किन दलों के साथ गठबंधन करने पर चुनाव में जीत मिल सकती है सरकार की नीतियाँ कैसी होनी चाहिए आदि-आदि। मुशर्रफ के बारे में, बिन लादेन के बारे में और जॉर्ज बुश के बारे में ढेर सारी जानकारियाँ आपके पास होंगी। माना कि दुनिया की हालचाल और गतिविधियों की सारी खबरें आपकी उँगलियों की नोक पर हैं, मगर क्या आप खुद अपने बारे में जानकारी रखते हैं?

क्या अपनी क्षमता की व्याप्ति के बारे में आपको पूरा पता है ?जो लोग पहली बार चश्मा पहनते हैं शुरू-शुरू में वह उन्हें अनावश्यक बोझ जैसा लगता है। आदत पड़ने के बाद उसके बारे में ध्यान ही नहीं रहता। भले ही आप गौर करें या नहीं करें.चश्मा अपने काम को बखूबी करता रहेगा।आपकी क्षमता के बारे में भी यही बात सही है। चौबीसों घंटे उसे तेज रखने के लिए पहले ध्यानपूर्वक अभ्यास करना होगा। आदत पड़ जाने पर वह आपकी सहज प्रकृति बन जाएगी।

उसके बाद हर मौके पर काम आने के लिए वह तैयार रहेगी।सड़क पर गाड़ी चलाने का अभ्यास करते हुए आपका सारा ध्यान उसी पर रहेगा। अच्छी तरह से अभ्यस्त होने के बाद उसके बारे में भय या तनाव से रहित होकर बड़े सहज ढंग से आप गाड़ी में सैर करते रहेंगे न, ठीक उसी तरह ! मोटर-गाड़ी के व्यवसाय में सफलता की बुलंदियाँ छूने वाले हेनरी फोर्ड का नाम आपने सुना होगा ।

जब उनकी तारीफ की गई कि आप बड़े जीनियस हैं, प्रतिभाशाली हैं, तो उन्होंने, पता है क्या कहा ? उन्होंने कहा जीनियस, प्रतिभा ? मारो गोली प्रतिभा वतिभा को। आपके पास जो अक्ल है, बुद्धि है वही मेरे पास भी है। मैंने घोर परिश्रम और प्रयत्न के साथ उसका पूरा उपयोग किया है, बस ।

गोदाम में इकट्ठे किये अनाज के अंबार का समय पर सही वितरण न किया जाए तो घुन खाकर सारा अनाज बेकार हो जाएगा, आखिर कूड़े में चला जाएगा। इसी भांति अपनी क्षमताओं को जाया न कीजिए। उनका निरंतर उपयोग करते रहेंगे तभी उनसे लाभ मिलेगा। नई चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करने का अभ्यास डालें, तभी आपकी क्षमताओं का पूर्ण रूप से उपयोग हो सकता है। इस तरह आप नई बुलंदियाँ छू सकेंगे।


क्षमताएं बढ़ाने का प्रयास करना एक संबंधित और समर्थन करने वाला प्रक्रिया है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपकी क्षमताओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं:


निर्धारित लक्ष्यों का निर्धारण करें: एक स्पष्ट लक्ष्य रखें जो आपकी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में मदद करेगा। लक्ष्यों को छोटे भागों में विभाजित करना और प्रत्येक भाग के लिए एक योजना बनाना उपयुक्त है।


नई चुनौतियों का सामना करें: नई चुनौतियों का सामना करने से आपकी क्षमताएं मजबूत हो सकती हैं। नए क्षेत्रों में काम करने और नई बातें सीखने के लिए खुद को प्रेरित करें।


स्वयं का मूल्यांकन करें: अपनी स्वयं की शक्तियों और कमजोरियों को समझना महत्वपूर्ण है। अपने अच्छे पहलुओं को और बेहतर बनाने के लिए काम करें, और अपनी कमजोरियों पर काबू पाने के लिए योजना बनाएं।


नौकरियों या परियोजनाओं में शामिल हों: नए अनुभवों के माध्यम से आप नई क्षमताएं विकसित कर सकते हैं। किसी नए क्षेत्र में या नई टीम के साथ काम करना आपकी सीमित सीमित सोच को विस्तारित कर सकता है।


सीखने के लिए समर्थन प्राप्त करें: आपने जो क्षमताएं बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, उनमें से कुछ क्षेत्रों में अधिग्रहण करने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा प्राप्त करें। मेंटरिंग, कोर्सेस, या संबंधित समुदायों से सहायता प्राप्त करना मदद कर सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अच्छे स्वास्थ्य का संबंध सीधे रूप से क्षमताओं के साथ होता है। सही आहार, पर्याप्त नींद, और नियमित व्यायाम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।


इन सुझावों का पालन करके आप अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं और अपने उद्दीपन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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FAQ.

Q 1: क्षमताओं को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

Ans: क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

1. आत्म-मूल्यांकन: अपनी स्थिति को समझें और अपने सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें।

2. नए क्षेत्रों में प्रवेश: नए क्षेत्रों में काम करके और नए अनुभवों से गुजरकर नई क्षमताओं का विकास करें।

3. सीखने में सहायता: सलाह, पाठ्यक्रम या प्रासंगिक समुदायों के माध्यम से सहायता प्राप्त करें।

4. नौकरियों या परियोजनाओं में शामिल हों: नए क्षेत्रों में काम करने से आपको नई क्षमताएं विकसित करने में मदद मिल सकती है।

5. नई चुनौतियों का सामना करें: चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करके आप अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं।

Q 2: नए क्षेत्रों में काम करके क्षमताओं को कैसे बढ़ाया जा सकता है?

Ans: नए क्षेत्रों में कार्य करने से संबंधित कुछ सुझाव:

1. नौकरियाँ खोजें: अपने रुझानों और रुचियों के आधार पर नए क्षेत्रों की खोज करें।

2. नेटवर्किंग: अपने विचारों और आदर्शों को साझा करने के लिए सोशल नेटवर्किंग का उपयोग करें।

3. आत्म-प्रदर्शन: अपनी रुचियों और दक्षताओं को समझकर नए क्षेत्रों में कौशल विकसित करें।

4. संबंधित पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण: एक नए क्षेत्र में प्रशिक्षण लें और उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करें।

5. नई परियोजनाओं में शामिल हों: नई परियोजनाओं में योगदान दें और नए विषयों का अध्ययन करें।

Q 3: क्षमताओं का मूल्यांकन कैसे करें?

Ans: क्षमताओं का मूल्यांकन करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएँ:

1. स्व-मूल्यांकन: अपनी कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करें।

2. प्रतिस्पर्धी मूल्यांकन: दूसरों के साथ अपनी शीर्ष क्षमताओं की तुलना करें।

3. परामर्श और प्रतिस्पर्धा: परामर्श या प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर अपनी गुणवत्ता को मापें।

4. चल रही स्वीकार्यता और प्रशंसा का मूल्यांकन करें: अपने काम के लिए मान्यता और प्रशंसा के बिंदुओं पर ध्यान दें।

5. प्रतिबद्धता का मूल्यांकन: मूल्यांकन करें कि आप अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कितनी प्रतिबद्धता और प्रयास कर रहे हैं।

Q 4: योग्यताएँ बढ़ाने के लिए क्या और कैसे सीखा जा सकता है?

Ans : नई शिक्षा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएँ:

1. ऑनलाइन पाठ्यक्रम और वेबिनार: ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से सीखने के लिए नए पाठ्यक्रम और वेबिनार देखें।

किताबें पढ़ें: संबंधित किताबें पढ़कर नया ज्ञान प्राप्त करें।

2. सेमिनार और कार्यशालाएँ: सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग लेकर नए क्षेत्र सीखें।सलाह: अधिक अनुभवी लोगों से सलाह लें ताकि आप उनसे सीख सकें।

3. व्यावहारिक अनुभव: नए ज्ञान को अपनाने के लिए व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें।

Q 5: नौकरियों और परियोजनाओं में शामिल होकर क्षमताओं का विकास कैसे किया जा सकता है?

Ans: नौकरियों और परियोजनाओं में शामिल होकर क्षमताएं विकसित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

1. नौकरियाँ खोजें: अपनी रुचि और कौशल के अनुसार नौकरियाँ खोजें।

2. फ्रीलांसिंग और प्रोजेक्ट कार्य: फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करें और छोटी परियोजनाओं में भाग लेकर अपनी क्षमताओं को बढ़ाएं।

3. नेटवर्किंग: अपने क्षेत्र के लोगों से मिलें और नए अवसरों के लिए नेटवर्क बनाएं।

4. ऑनलाइन पोर्टफोलियो: अपने काम का एक ऑनलाइन पोर्टफोलियो बनाएं ताकि लोग आपकी क्षमताओं को देख सकें।

5. सामूहिक सेवा: नाना एकल क्षेत्र में सामूहिक सेवा का हिस्सा बनें और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करें।

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